हिमालय का विभाजन: एक विस्तृत अध्ययन
Click Here To Buy Detailed Notes
हिमालय भारत की उत्तरी सीमा पर स्थित एक महत्त्वपूर्ण पर्वत श्रृंखला है। यह न केवल प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता का केंद्र है, बल्कि भारत के जलवायु, संस्कृति और जल संसाधनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह पर्वत श्रृंखला वलित पर्वतों की श्रेणी में आती है और इसकी उत्पत्ति टेथीज महासागर के अवशेषों से हुई है।
सिडनी बुरार्ड नामक भूगर्भशास्त्री ने हिमालय को नदियों के आधार पर विभाजित किया। यह विभाजन निम्नलिखित प्रकार से किया गया है:
पश्चिमी हिमालय - सतलज और सिंधु नदियों के बीच फैला हुआ क्षेत्र।
मध्य हिमालय - सतलज और काली नदियों के बीच स्थित क्षेत्र, जिसे कुमायूं हिमालय कहा जाता है।
पूर्वी हिमालय - काली और तिस्ता नदियों के बीच स्थित, जिसे नेपाल हिमालय कहा जाता है।
अत्यंत पूर्वी हिमालय - तिस्ता और ब्रह्मपुत्र नदियों के बीच स्थित, इसमें अरुणाचल प्रदेश और भूटान के पर्वतीय क्षेत्र आते हैं।
हिमालय पर्वत श्रृंखला को तीन प्रमुख भागों में विभाजित किया जाता है:
महान हिमालय (Greater Himalaya) – सबसे ऊंची और प्रमुख श्रेणी, जिसमें माउंट एवरेस्ट (सागरमाथा), गॉडविन ऑस्टिन (K-2), कंचनजंघा जैसी चोटियां शामिल हैं।
लघु हिमालय (Lesser Himalaya) – जिसे हिमाचल हिमालय भी कहते हैं, इसमें नंदा देवी, बद्रीनाथ, त्रिशूल जैसी चोटियां आती हैं।
शिवालिक पर्वत (Shivalik Hills) – यह हिमालय का सबसे निम्नतम हिस्सा है, जिसे हिमालय का पाद प्रदेश भी कहते हैं।
भारत में सबसे ऊँची पर्वत चोटी गॉडविन ऑस्टिन (K-2) है।
भारत की सर्वोच्च पर्वत चोटी कंचनजंघा है, जो सिक्किम में स्थित है।
नंदा देवी (उत्तराखंड) भारत की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है।
असम राज्य में स्थित प्रमुख पर्वत चोटी नामचाबरवा है।
धौलाधार और पीर पंजाल पर्वत श्रेणियों के बीच कुल्लू घाटी स्थित है।
जलवायु प्रभाव – हिमालय भारत के उत्तरी भाग में ठंडी जलवायु प्रदान करता है और मानसून को नियंत्रित करता है।
नदियों का स्रोत – गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र जैसी महत्त्वपूर्ण नदियां हिमालय से निकलती हैं।
जैव विविधता – हिमालय में वनस्पतियों और जीवों की अनगिनत प्रजातियां पाई जाती हैं।
सांस्कृतिक महत्व – यह क्षेत्र धार्मिक स्थलों, जैसे कि बद्रीनाथ, केदारनाथ और अमरनाथ का केंद्र है।
अरावली पर्वत श्रृंखला – भारत की सबसे प्राचीन पर्वत श्रेणी, राजस्थान में स्थित है, जिसकी सबसे ऊँची चोटी गुरुशिखर है।
पश्चिमी घाट – जिसे सह्याद्रि भी कहा जाता है, भारत के पश्चिमी भाग में स्थित है।
पूर्वी घाट – इसकी सबसे ऊँची चोटी महेंद्रगिरि है।
नीलगिरि पर्वत – यह पश्चिमी और पूर्वी घाट के संगम स्थल पर स्थित है।
सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला – मध्य भारत में स्थित, जिसमें धूपगढ़ चोटी है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सबसे ऊँची चोटी सौडिल पीक है।
हिमालय न केवल भारत की भौगोलिक संरचना का एक प्रमुख हिस्सा है, बल्कि यह देश की जलवायु, पर्यावरण और संस्कृति को भी गहराई से प्रभावित करता है। इसका अध्ययन छात्रों, भूगर्भशास्त्रियों और यात्रियों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।